Pankaj Srivastav:
Loksabha Election: उत्तर प्रदेश की गोरखपुर सीट दशकों से सीएम योगी आदित्यनाथ का गढ़ रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां से पांच बार सांसद रहे हैं और वह गोरखनाथ मंदिर के महंथ भी हैं। गोरखपुर सीट से भाजपा ने अपने मौजूदा सांसद और अभिनेता रवि किशन शुक्ला को एक बार फिर से मैदान में उतारा है जबकि इंडिया गठबंधन ने समाजवादी पार्टी ने काजल निषाद को टिकट दिया है।
काजल भी एक भोजपुरी फिल्म अभिनेत्री हैं। गोरखपुर सीट पर लड़ाई रवि किशन और काजल निषाद के बीच नहीं मानी जा रही है बल्कि योगी बाबा’ और इंडिया गठबंधन के बीच है क्योंकि सीएम योगी इस क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हैं। गोरखपुर में पिछले 6 वर्षों में हुए विकास को देखते हुए एक बड़ा वर्ग भाजपा का पुरजोर समर्थन कर रहा है और उम्मीद कर रहा है कि आने वाले सालों में क्षेत्र में और विकास होगा।
वहीं, दूसरी ओर एक अन्य वर्ग इंडिया गठबंधन की जीत के लिए सपा के उम्मीदवार के पीछे रैली कर रहा है। दोनों पक्ष जाति के आधार पर भी बंटे हुए प्रतीत होते हैं।
उपचुनाव में निषाद मतदाताओं ने किया था उलटफेर
यहां आपको एक बात और बताते चलें कि सांसद योगी आदित्यनाथ के 2017 में सीएम पद की शपथ लेने के बाद गोरखपुर की सीट खाली होने पर हुए उपचुनाव में निषाद मतदाताओं ने उलटफेर करने में अहम भूमिका निभाई थी। और तत्कालीन सपा उम्मीदवार प्रवीण निषाद ने भाजपा के उपेंद्र शुक्ला को लगभग 21 हजार वोटों से हराया था। भाजपा इस बात चिंतित है कि अगर काजल निषाद को बड़े पैमाने पर अपने समुदाय का समर्थन मिला तो लड़ाई कांटे की हो सकती है।