जौनपुर प्रदेश सरकार द्वारा परिषदीय विद्यालयों में सभी पत्रावलियों के डिजिटल करने व उपस्थिति ऑनलाइन करने का आदेश हुआ है, जिसको लेकर सभी शिक्षक संघ भारी विरोध के साथ आंदोलनरत रहे हैं, लेकिन सरकार की निरंकुशता को देखते हुए प्रांतीय स्तर पर सभी शिक्षक संघ, शिक्षा मित्र संघ, अनुदेशक संघ, और कर्मचारी संघों ने एक साथ आकर ” शिक्षक, शिक्षामित्र,अनुदेशक, कर्मचारी संयुक्त मोर्चा उ0प्र0″ के बैनर तले एकजुट होकर संघर्ष का एलान किया है।
जिसके क्रम में मुख्यमंत्री के नाम सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से दिया गया।
संयुक्त मोर्चा के संयोजक अमित सिंह ने बताया कि हमारी मांग है कि सरकार बिना शर्त ऑनलाइन उपस्थिति आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त करे, शिक्षक कर्मियों को 30 ई.एल., हाफ डे सी.एल, एवं प्रतिकर अवकाश प्रदान किया जाए,समस्त शिक्षक कर्मचारी की पुरानी पेंशन बहाल की जाए, वर्षों से लंबित पदोन्नति प्रक्रिया पूर्ण किया जाए शिक्षामित्र अनुदेशक को नियमित किया जाए व उन्हें सम्मानजनक मानदेय दिया जाए परिषदीय शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यो से दूर रखा जाए। उपरोक्त मांगों के संदर्भ में शिक्षक संगठन लंबे समय से संघर्षरत है लेकिन सरकार की हठधर्मिता व शिक्षकों के प्रति उसकी असंवेदनशीलता के कारण कोई भी निष्कर्ष नहीं निकलता देख संयुक्त मोर्चा ने इसबार आर-पार के संघर्ष का मन बना लिया है और यदि सरकार आज के ज्ञापन के पश्चात भी अपने आदेश को वापस नहीं लेती है तो तय कार्यक्रम के तहत आगामी 29 जुलाई को महानिदेशक स्कूली शिक्षा कार्यालय लखनऊ पर प्रदर्शन/घेराव किया जाएगा