Monday, August 4, 2025
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जिले में इंद्रदेव की टेढ़ी नजर से करोड़ो की लागत से बने सरकारी स्कूल में आफत आ गई है

 BASTI: जिले में इंद्रदेव की टेढ़ी नजर से करोड़ो की लागत से बने सरकारी स्कूल में आफत आ गई है, हालत यह है को बच्चों को स्कूल से छुट्टी देकर उनके घर भेज दिया है, स्कूल का परिसर इस समय दरिया बन गया है,लगातार हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से क्या आम क्या खास सभी का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है, पिछले वर्ष को अपेक्षा इस साल बारिश ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए है, भारी बारिश की वजह से पानी नालों और नदियों से ऊपर आकर लोगो के घरों तक में पहुंच रहा है, बस्ती जनपद के कई स्कूल भी बारिश के कहर का शिकार हो गए और एहतियातन उन्हें बंद तक करना पड़ा है, स्कूल का परिसर पानी के दरिया में तब्दील हो चुका है, छात्र छात्राओं को हो रही परेशानी को देख कर फिलहाल आपातकालीन छुट्टी कर दी गई है,

हरैया तहसील के परशुरामपुर में श्रृंगिनारी के पास करोड़ो की लागत से बने अटल आवासीय विद्यालय की स्थिति देखकर आपके भी होश उड़ जाएंगे इस स्कूल को बनाने में कई करोड़ बह गए मगर पानी निकालने का कोई खास इंतजाम नहीं किया गया जिसका खामियाजा अब स्कूल स्टाफ और छात्र उठाने को मजबूर हो रहे है, लगातार बारिश की वजह से अटल आवासीय विद्यालय से लेकर परिसर में बने हॉस्टल भी पानी से घिरे हुए है, बरसात का पानी इतनी अधिक मात्रा में भरा हुआ है कि उसके निकलने में काफी वक्त लग सकता है, स्कूल को देखकर ऐसा लगता है मानो यह कोई विद्यालय नहीं बल्कि कोई तालाब है, कुछ लोग तो कह रहे चारो तरफ से पानी घिरने की वजह से ऐसा लग रहा स्कूल टापू पर बना दिया गया है। स्कूल के क्लास रूम तक में पानी भर गया है। इतना ही नहीं स्कूल का स्टाफ हाफ पेंट पहनकर आने जाने को मजबूर है,

भारी जलजमाव इकट्ठा होने की वजह से स्कूल के प्रिंसिपल देश दीपक पाल ने स्कूल को कुछ दिन के लिए बंद कर दिया है, मगर यहां तैनात स्टाफ काफी दिक्कतों का सामना करने को मजबूर है, कर्मचारी आवास के भी चारो तरफ पानी भरा हुआ है, घर से निकलने के लिए उन्हें कई बार सोचना पड़ रहा, घर के अंदर ही कैद होने को मजबूर है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर एक साल पहले। आने करोड़ो की लागत से इस विद्यालय की हालत पहली ही बरसात में ऐसे कैसे हो गई। स्कूल के बनावट से लेकर कर्मचारियों की पोस्टिंग में सरकार ने कोई कटौती नहीं की, तो विद्यालय के निर्माण में शामिल इंजीनियरों को यह समझ में क्या नहीं आया कि अगर बरसात का पानी यहां आया तो उसे ड्रेनेज करने के लिए भी व्यवस्था होनी चाहिए। इस स्कूल में होनहार बच्चे रहकर शिक्षा ग्रहण करते है, अब पानी भरा होने की वजह से उनकी छुट्टी कर दी गई और अब वे घर जाने को मजबूर है।

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