Report By: Brijendra Dubey
मिर्ज़ापुर(यूपी): मेरठ में हाल ही में मुस्लिम युवक द्वारा हिन्दू परिवार के घर जोगी बाबा के रूप में खोया हुए बेटा बन कर पहुचे मामले में खुलासा होने के बाद एक बार फिर मिर्ज़ापुर में ढाई साल पहले हुए इसी तरह का कांड सुर्खियों में आ गया।गोंडा के रहने वाले इसी गिरोह का राशिद, बाबा बन कर पहुचा था। मगर पहचान लिए जाने के बाद खुलासा हो गया।
उत्तर प्रदेश में मेरठ ही नही, कई जिलों में गोंडा के टिकटिया के रहने वाले मुस्लिम परिवार गिरोह बना कर उस परिवार में पहुंचते हैं, जिसका बेटा खोया रहता है। और वहां पहुंचकर, उसका बेटा बन कर ठगी का खेल खेलते है।
मेरठ की ही तरह साल 2021 में मिर्जापुर में जोगी बनकर ठगी का मामला आया था सामने
मिर्ज़ापुर के चुनार थाना क्षेत्र के सहसपुरा के रहने वाले बुद्धिराम विश्वकर्मा का बेटा अन्नू 14 अप्रैल 2011 में शिव संकरीधाम मेला में घूमने गया, जहां वो खो गया था। बेटे की तलाश में परेशान बुद्धिराम के मुहल्ले में जुलाई 2021 में गोंडा का रहने वाला राशिद पुत्र सिजाम जोगी(बाबा) के भेष में सारंगी बजता हुआ में पहुंचा, तो परिवार वाले ने उसे अन्नू के रूप पहचाना और घर लाये। पूरा परिवार खुश था कि उसका बेटा मिल गया।
मठ को पैसे देने के नाम पर की ठगी :
परिवार के लोगो से राशिद ने कहा की मैं जोगी बना हूँ जिस मठ और गुरू ने जोगी बनाया है, उनको जब तक पैसे नही दूँगा, मैं गृहस्थ आश्रम में नही आ सकता हूं। जिसके बाद परिवार और मुहल्ले वालो ने मिल कर पैसा इकठ्ठा किया। परशोधा रेलवे क्रासिंग पर 21 जुलाई 2021को 1 लाख 46 हजार रुपया बाबा बने राशिद के दूसरे साथी नफीस को दिया।
इसके बाद घर आ कर राशिद ने परिवार के लोगो से कहा कि घर पर प्रेत बाधा है। इसके उपाय के लिए पूजा करना पड़ेगा। जिसके बाद वह पूरे घर और मुहल्ले के लोगो से उनके आभूषण मंगा कर पोटली में बांध कर उसे रख दिया। आभूषण इकठ्ठा करने पर जब परिजनों को शक हुआ तो लोगों ने जिस पोटली में गहना रखा था, उसे खोल कर देखा। लेकिन पोटली में गहने की जगह पर ईंट पत्थर मिला।
इसके बाद लोगो ने उसे पकड़ कर जब सख्ती से पूछताछ किया, तो पता चला कि राशिद ने गहने अपने बांह में छिपा कर रखा हुआ था। जिसके बाद परिजनों ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया। जहाँ पर राशिद और नफीस के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया था।
जमानत पर रिहा होने के बाद वह गायब हो गया। हालांकि परिजनों को छ महीने बाद उनका खोया बेटा अन्नू मिल गया। परिजनों का कहना है कि आज तक ठगी के पैसे नही मिले। किसी तरह से हम लोगो ने उस कर्जे को भरा है।
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