गोरखपुर मे एक ऐसे शख्स की कहानी जो आम लोगों से बिल्कुल अलग है इस शख्स के जिन्दगी मे सब कुछ अलग है. दरअसल गोरखपुर के राहुल एक ऐसे शख्स है जो, डेढ साल की उम्र से ही कब्रिस्तान मे अपनी जिन्दगी बिता रहे है. राहुल यहा सिर्फ अकेले नही बल्कि अपने परिवार के साथ रहते है. कब्रिस्तान मे सभी कब्रो की देखरेख राहुल ही करते है. राहुल की यह तीसरी पीढी है जो इस काम को कर रहे है.
कैसा डर ये सब अपने है
गोरखपुर के पैडले गंज मे मौजुद सेंट जान चर्च जहा इसाई समुदाय के लोगों को दफनाया जाता है. ये कब्रिस्तान लगभग 300 साल पुराना है. इस कब्र की देख रेख के लिए कुछ लोगों को वहा रहना होता है और वह उसकी साफ सफाई भी करनी होती है. वही राहुल एक ऐसे शख्स है जो डेढ साल की उम्र से इस कब्र की देख रेख कर रहे है. ये कब्रिस्तान उनके जिन्दगी का बडा हिस्सा बन चुका है. राहुल बताते है कि, वह इस कब्रों के बीच ही बडे हुए है. वह अब अपने परिवार के साथ यहा जिन्दगी बिता रहे है. राहुल कहते है कि, डर कुछ होता ही नही है. मै यहा जिन्दगी बिता रहा हु मुझे कभी ऐसा नही लगा.
Gorakhpur Graveyard News
कब्रों मे करते है वाक
राहुल एक ऐसे शख्स है जो अपने परिवार के साथ पिछले कइ सालो से इस कब्रों के बिच रह रहे है. उनका काम बस वहा की देख रेख है. लेकिन सुबह से शाम राहुल कब्रों के बीच ही टहलते घुमते है. वो कहते है की, इन सभी कब्रों की देख रेख वो अपनों की तरह करते है. कई बार इन कब्रों पर वही कैंडल भी जलाते है. हकीक्त ये है कि, अब इस जिन्दा राहुल का कब्रिस्तान ही घर है. व यही इनकी जिन्दगीं राहुल बताते है की, वो अक्सर रात मे टहलते है. लेकिन कभी उनहे डर नही महसुस होता है.