रिपोर्टर; शैलेंद्र कुमार
सचिवों के खेल में पिसता रहा पीड़ित लश्मेश्वर पांडे,डीएम और एसपी के कार्यालय का चक्कर लगाता रहा. नाम और वाल्दियत बदल कर शिव शंकर पांडेय ने जमीन हड़पने की कोशिश की, न्यायलय और पुलिस के आंखों में धूल झोककर अपने मकसद में कामयाब होने का सपना देख रहा था. न्यायलय ने शिवशंकर द्वारा कूटरचित तरीके से बनाए गए दस्तावेज पर पुलिस को फटकार लगाई थी. पुलिस ने जब शिवशंकर से जटाशंकर बने आरोपी की कुंडली को खगालना शुरू किया तो, सारी सच्चाई सामने आ गई.
कागजों में बन गया मुर्दा
जहाँ लोगो को मृत्यु प्रमाण पत्र हासिल करने में हफ्ते दस दिन सचिव का चक्कर काटना पड़ता हैं. वही भगतूपुर के सचिव शैलेंद्र मणि त्रिपाठी ने अभिलेख मिलते ही, शिव शंकर का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर मामले की जांच करना तक उचित नहीं समझा. जबकि घटना के जांच करने के बाद ही मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करना होता है. वही जिंदा व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र बना दिया गया. नटवर लाल शिव शंकर कागजों में मुर्दा बन जहां मुकदमों से बचने की साजिश की किया था. वहीं पड़ोसी की संपत्ति को भी हासिल करने का पूरा खेल रच लिया था. इसके लिए वह पड़ोसी देवी सरन का बेटा बन गया था. जबकि उनका नाती लक्ष्मेश्वर जिम्मेदारों के चौखट पर यह कहता फिरता रहा कि, यह मेरा चाचा नहीं है,लेकिन यह सुनने को कोई तैयार नहीं था.
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लालगंज थानाक्षेत्र के जगरनाथपुर गांव के शिव शंकर पांडेय ने दूसरे ग्राम पंचायत में सचिव की मिली भगत से खुद को मृतक साबित कर लिया था. मृतक प्रमाण पत्र की मदद से वह पुराने आपराधिक मुकदमो से बचने, व पड़ोसी गांव के एक व्यक्ति की संम्पत्ति हड़पने के लिए यह साजिस रची थी. उसने अपने आप को शिव शंकर से जटा शंकर बना लिया था. लेकिन पुलिस के खिलाफ वाद दाखिल करना महंगा पड़ गया. मुंडेरवा थाने में चीनी मिल को लेकर हुए विवाद में लालगंज पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर बीते माह शिवशंकर को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. जहाँ शिवशंकर खुद को जटाशंकर बताकर बचने की साजिश रची थी और पुलिस पर उल्टा आरोप मढ़ दिया था. जिसका चौकी इंचार्ज लालगंज जांच कर रहे थे,अभिलेखों के जांच में जटाशंकर नाम के शैक्षिक प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि कूटरचना से हासिल किए हुए मिले थे.
वही लक्ष्मेश्वर पाण्डेय ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया था कि, शिवशंकर ग्राम पंचायत के तत्कालीन सचिव की मिलीभगत से अपना नाम परिवार रजिस्टर में जटाशंकर अंकित करा लिया. वह मेरा चाचा बन संपत्ति हड़पने के फिराक में था. जिसके खिलाफ फर्जीवाड़ा करने का मुकदमा दर्ज करने का अनुरोध किया था. पूरे मामले को SP गोपाल कृष्ण चौधरी संज्ञान में लिया. वह आरोपी नटवरलाल शिव शंकर के साथ उसके बेटे दीपक पांडे, समेत सचिव शैलेंद्र मणि त्रिपाठी और सचिव अजीत सिंह के खिलाफ. 419,420,467,468,471,506,120_B के तहत संगीन धाराओं में मुकदमा दर्जकर कार्यवाही शुरू कर दी है.