गोरखपुर के प्रतिष्ठित बीआरडी मेडिकल कॉलेज में गुरुवार को एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक बदलाव हुआ। नेत्र रोग विभाग के पूर्व अध्यक्ष, डॉ. रामकुमार जायसवाल ने कॉलेज के नए प्रिंसिपल का पदभार संभाल लिया है। उनकी नियुक्ति कॉलेज के लिए नए सिरे से विकास और सुधार की संभावनाएं लेकर आई है।
पिछले प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार के 31 जनवरी को रिटायर होने के बाद, एनेस्थीसिया विभाग के अध्यक्ष, डॉ. सुनील कुमार आर्या को अंतरिम प्राचार्य का कार्यभार सौंपा गया था। हालांकि, वित्तीय अधिकार न होने के कारण कॉलेज के कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक कार्य ठप हो गए थे। वेतन और अन्य वित्तीय प्रक्रियाओं में आ रही रुकावटों से कॉलेज के विकास में अवरोध उत्पन्न हो गया था, जिससे प्रशासनिक व्यवस्थाओं में सुधार की आवश्यकता महसूस हो रही थी।
डॉ. रामकुमार जायसवाल की नियुक्ति के बाद, कॉलेज में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। उन्होंने कॉलेज और अस्पताल की व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए सोमवार से आवश्यक कदम उठाने की योजना बनाई है। इस बदलाव से कॉलेज के संचालन में सुधार और विकास की उम्मीदें बंधी हैं।
डॉ. जायसवाल के नेतृत्व में कॉलेज के प्रशासनिक कार्यों में तेजी आने की संभावनाएं हैं, जिससे शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार की आशा की जा रही है। उनके अनुभव और नेतृत्व क्षमता से कॉलेज के भविष्य को लेकर सकारात्मक माहौल बनता दिख रहा है। इस नियुक्ति से कॉलेज में लंबे समय से ठहरे हुए कामों को गति मिलने की उम्मीद है, जिससे छात्रों और कर्मचारियों दोनों को लाभ पहुंचेगा। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इस नए अध्याय के साथ, प्रशासनिक सुधार और विकास के नए रास्ते खुलने की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं।