Pankaj Srivastav:
Dictrict Hospital: वैसे तो अस्पताल मरीजों के बेहतर इलाज के लिए जाना जाता है लेकिन गोरखपुर जिले का नेता जी सुभाष चंद्र बोस जिला चिकित्सालय इलाज के लिए नहीं बल्कि अजब-गजब कारनामों की वजह से चर्चाओं में है। ताजा मामला उस समय सामने आया जब सरजू प्रसाद नाम के एक व्यक्ति को मृत घोषित कर उसका डेथ मेमो भी जारी कर दिया गया हालांकि जब परिजन और मोहल्ले वाले अस्पताल पहुंचे तो सरजू अपने बेड पर जीवित मिला। ऐसा एक बार नहीं बल्कि दो बार हो चुका है, ऐसे में एसआईसी इसे गंभीर मामला मान कर जांच कराने की बात की है।
दरअसल पूरा मामला गोरखपुर के जिला अस्पताल में मेल वार्ड का है। जहां पिछले एक सप्ताह में एक ही व्यक्ति को दो बार मृत घोषित कर दिया गया जबकि वो जिंदा मिला। बता दें कि कोतवाली थाना क्षेत्र के चौरहिया गोला के रहने वाले लगभग 70 वर्षीय सरजू प्रसाद घर में अकेले ही रहते हैं। पिछले दिनों उनकी तबीयत खराब होने पर मुहल्ले के लोगों ने उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया। एक दिन बाद ही सूचना मिली कि सरजू प्रसाद की मृत्यु हो गई है। यह सुन मोहल्ले वाले अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि वह तो जीवित हैं किसी अन्य अज्ञात व्यक्ति का डेथ मेमो गलती से उनके नाम से जारी हो गया है। उस दिन हंगामे के बाद किसी तरह अस्पताल प्रबंधन ने समझा बुझाकर कर मामला शांत कराया।
वहीं तीन दिन बाद एक बार फिर से सरजू के मौत की सूचना मिलते ही मोहल्ले वालों के साथ उसकी बहन भी अस्पताल पहुंची और मोर्चरी में रखी डेड बॉडी चेक किया तो वहां सरजू प्रसाद की बॉडी नहीं थी। कुछ लोगों ने वार्ड में जाकर चेक किया तो सरजू अपने बेड पर एक बार फिर जीवित मिले।