Monday, August 4, 2025
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एकता का महाकुंभ पर कटाक्ष करने वालों को प्रधानमंत्री मोदी का करारा जवाब

भारतीय जनता पार्टी और उनके समर्थकों ने इसे हिंदू आस्था पर हमला करार दिया है जबकि संत समाज ने भी इस तरह की आलोचनाओं की कड़ी निंदा की है

Krishna Gupta 

संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे एकता का महाकुंभ को लेकर देशभर में भव्य आयोजन हो रहे हैं। यह महाकुंभ भारत की आस्था एकता और समरसता का सबसे बड़ा महोत्सव माना जा रहा है, जिसमें लाखों श्रद्धालु और संत महात्मा भाग ले रहे हैं। इसी बीच कुछ विपक्षी दलों और आलोचकों द्वारा महाकुंभ को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां की जा रही हैं। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा जंगलराज वाले महाकुंभ को ही गाली दे रहे हैं। महाकुंभ को लेकर भद्दी-भद्दी बातें कर रहे हैं। राम मंदिर से चिढ़ने वाले ये लोग महाकुंभ को भी कोसने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान के बाद महाकुंभ को लेकर हो रही नकारात्मक टिप्पणियों पर घमासान तेज हो गया है। भारतीय जनता पार्टी और उनके समर्थकों ने इसे हिंदू आस्था पर हमला करार दिया है जबकि संत समाज ने भी इस तरह की आलोचनाओं की कड़ी निंदा की है। एकता का महाकुंभ का महत्व यह महाकुंभ भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करता है, जिसमें विभिन्न संप्रदायों के संतों और श्रद्धालुओं का समागम होता है। प्रयागराज का महाकुंभ दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है, जहां सनातन परंपरा के मूल तत्वों को संजोकर एकता और भाईचारे का संदेश दिया जाता है। प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार और भारतीय जनता पार्टी महाकुंभ को लेकर किसी भी प्रकार की नकारात्मक राजनीति को बर्दाश्त नहीं करेगी। महाकुंभ में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं और संतों ने भी इस आयोजन के खिलाफ की जा रही बयानबाजी पर नाराजगी जाहिर की है। राजनीतिक प्रतिक्रिया प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान के बाद बीजेपी के कई नेताओं ने भी महाकुंभ की आलोचना करने वालों पर निशाना साधा।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुछ लोग सनातन संस्कृति और भारत की आध्यात्मिक धरोहर को निशाना बना रहे हैं, लेकिन जनता ऐसे तत्वों को माफ नहीं करेगी वहीं संत समाज ने कहा कि महाकुंभ भारतीय परंपराओं का जीवंत उदाहरण है और इसे लेकर की जा रही अनर्गल टिप्पणियों से समाज में गलत संदेश जाता है। महाकुंभ का यह आयोजन धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से जितना महत्वपूर्ण है। उतना ही यह राजनीतिक हलचलों का केंद्र भी बना हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान स्पष्ट संकेत है कि सरकार महाकुंभ को लेकर किसी भी तरह की नकारात्मक राजनीति को सहन नहीं करेगी।

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