Pankaj Srivastav
Gorakhpur News: गोरखनाथ मन्दिर स्थित महायोगी गुरु गोरखनाथ योग संस्थान एवं महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद् गोरखपुर के द्वारा आयोजित साप्ताहिक योग शिविर एवं शैक्षिक कार्यशाला में “वसुधैव कुटुम्बकम् के लिए योग ” विषय पर मुख्यवक्ता के रूप में योगाचार्य डाॅ० बलवान सिंह ने कहा कि योग एक वैज्ञानिक पद्धति होने के कारण यह सार्वजनिक है, यह सबके लिए लाभदायक है। किसी भी देश, धर्म, संप्रदाय का मनुष्य यदि योग का अभ्यास करता है तो उसके मस्तिष्क एवं शरीर में अद्भुत समन्वय उत्पन्न होता है, जिससे उसे मानसिक शांति एवं प्रखरता के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य का लाभ प्राप्त होता है।
उन्होंने कहा कि भारत के ऋषि योग विद्या में पारंगत अथवा योगस्थ होकर ही “वसुधैव कुटुंबकम की उद्धोषणा कर सके। जो भी मनुष्य योग विद्या का अभ्यास करता है उसका चरित्र निर्मल एवं शांत होता जाता है, उसकी नकारात्मक प्रक्रिया समाप्त होने लगती है तथा उसकी उसके अंदर मैत्री करुणा प्रेम एवं दया भाव जैसे सद्गुण उत्पन्न होने लगते हैं। उसके अंदर भेदभाव समाप्त होने लगता है और वह यह देखने एवं समझने में समर्थ हो जाता है कि समस्त मानवता एक मेरा ही परिवार है. उन्होंने कहा कि विश्व में पहले हिंसा, युद्ध, मानव विनाश तथा एक दूसरे के प्रति ईर्ष्या-द्वेष जैसी नकारात्मक वृत्तियों के निराकरण का मार्ग योग है। मानव कल्याण एवं वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना उत्पन्न करने में योग महत्वपूर्ण भूमिका निर्वहन कर सकता है।