रिपोर्ट: बृजेंद्र दुबे
UP News; UP के मिर्जापुर और प्रयागराज में बाणसागर नहर परियोजना से किसान मालामाल हो रहे हैं.जिस खेत में पहले खेती सूख जाती थी. आज वहा किसान उस जमीन पर सोना उगा रहे हैं. बाणसागर नहर परियोजना से लाखों किसान अपने खेतों की सिंचाई कर रहें है. अच्छी खेती से किसानों की पैदावार में इजाफा हो रहा है. 2018 के पहले सिंचाई के अभाव में खेती सुख जाती थी, अब उस जमीन पर गेंहू, धान सरसों लहलहा रहे हैं. बाणसागर नहर परियोजना का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में किया था. तब से अब तक किसानों का फायदा हो रहा है.
बाणसागर नहर परियोजना का शिलान्यास 1977 में मध्यप्रदेश के शहडोल में की गई थी. सोन नदी से पानी लाकर मिर्जापुर के अदवा और जरगो बांध और प्रयागराज के मेजा बांध को नहरों के माध्यम से जोड़ने था. वही यह परियोजना 41 साल अटकी थी. मिर्जापुर प्रयागराज कें किसानों ने उम्मीद छोड़ दी थी. किसानों को लग रहा था. यह परियोजना कभी पूरी नहीं होगी. मगर 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब उद्घाटन किया तों, किसानों की चेहरे पर खुशी आ गई. अब सोन नदी पर बने बांध से पानी 171 किलोमीटर लंबी नहर के माध्यम से मिर्जापुर के अदवा, मेजा और जरगो बांध में पानी पहुंचाया जा रहा है. फिर बांध से पानी को नहरों के जरिए किसानों के खेतों तक पंहुचाया जा रहा है.
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बाणसागर नहर परियोजना को लगभग 222 करोड़ रुपये की लागत से की गई थी. इस बीच कई सरकारें आई गई सरकारों की उदासीनता से परियोजना लटकी रही. लेकिन मोदी सरकार ने अधर में अटकी परियोजना को आगे बढ़ाया, वह 41 साल बाद पूरा करके दिया. मगर इस बीच परियोजना की लागत 3500 करोड़ रुपए तक पहुच गयी. बाणसागर नहर परियोजना से अब किसानों को पानी भरपूर मिलना शुरू हो गया है. किसानों का कहना है कि, पहले खेती सूख जाती थी होता भी था तो चना, मटर, मसूर होता था. मगर बाणसागर नहर का पानी मिल जाने से किसान धान, गेहूं के साथ अन्य फसल भी अच्छे से पैदा कर रहे हैं. किसानों की आमदनी में भी वृद्धि हुई है. किसान अब यहां के खुशहाल नजर आने लगे हैं.