Mirzapur: पैदल चलने का गिनीज वर्ल्ड ऑफ बुक का रिकॉर्ड तोड़ने के लिए निकला यह शख्स, एक लाख चालीस हजार किलोमीटर पैदल चलने का रिकॉर्ड तोडेंगे. कौशांबी के गौरव मालवीय कौशांबी से 13 सितंबर 2021 से यात्रा को शुरू किया है. ढाई साल में 44000 किलोमीटर चलकर मां विंध्यवासिनी दरबार पहुंचकर, मां विंध्यवासिनी का दर्शन पूजन कर यात्रा फिर से शुरू की है. 2029 में दो लाख चौहत्तर हजार किलोमीटर चलकर, गिनीज वर्ल्ड ऑफ बुक में नया नाम दर्ज कराना है.
सपना था आर्मी मे जाने का
सपना था आर्मी बनकर देश का सेवा करना. वही अब आर्मी में न जाकर पैदल यात्रा कर गिनीज वर्ल्ड ऑफ बुक में नाम दर्ज करवाने के लिए चल पड़े हैं. हम बात कर रहे हैं, उत्तर प्रदेश के कौशांबी जनपद के रहने वाले गौरव मालवीय का जो 13 सितंबर 2021 से पैदल यात्रा कर रहे हैं. 44000 किलोमीटर पूरा कर मिर्जापुर के विश्व प्रसिद्ध विंध्याचल धाम पहुंचकर, मां विंध्यवासिनी का दर्शन पूजन किया है.अमेरिका द्वारा पैदल चलने का 1985 में एक लाख चालीस हजार के रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए भारत भ्रमण पर निकले हैं. 2029 में दो लाख चौहत्तर हजार किलोमीटर चलकर, गिनीज वर्ल्ड ऑफ बुक में नया नाम दर्ज कराने का लक्ष्य रखा है.
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गौरव मालवीय ने बताया कि, पर्यावरण संरक्षण और जंगल बचाओ अभियान को लेकर यह यात्रा शुरू की है. अपने साथ 50 किलो का सामान लेकर चल रहा हूं. 2029 में दो लाख चौहत्तर हजार किलोमीटर का सफर कर गिनीज वर्ल्ड ऑफ बुक में नाम दर्ज कराएंगे. इसके बाद माउंट एवरेस्ट पर एक कुंतल का वजन लेकर चढूंगा. मेरा सपना था आर्मी मे जाने का मगर आर्मी में न जाकर मैं यात्रा कर देश में पर्यावरण को बढ़ाने और जंगल को बचाने के लिए, लोगों को जागरूक कर रहा हूं. संपूर्ण भारत में चलकर एक लाख पौधा लगाएंगे. वह एक लाख पौधा लगाने के लिए जागरूक भी करेंगे.